कभी गम कभी ख़ुशी रखना
बस होंठों पर हँसी रखना
कुछ परिंदे आसमा छोड़ जाएँ
तो भी तुम परवाज़ जारी रखना
चमक-दमक खींचेगी हर ओर
मगर बचा कर चाँदनी रखना
कभी बीते लम्हे मुस्कराने लगें
फेंक ग़म कि चादर पास ख़ुशी रखना
अगर आ जाये रक़ीब सामने
भुला के सब बस दोस्ती रखना
ऱब मिले या न मिले यहाँ
बस खुदा से 'शाद' बंदगी रखना
V G 'SHAAD'
रकीब : दुश्मन, परवाज़ : उड़ान
बस होंठों पर हँसी रखना
कुछ परिंदे आसमा छोड़ जाएँ
तो भी तुम परवाज़ जारी रखना
चमक-दमक खींचेगी हर ओर
मगर बचा कर चाँदनी रखना
कभी बीते लम्हे मुस्कराने लगें
फेंक ग़म कि चादर पास ख़ुशी रखना
अगर आ जाये रक़ीब सामने
भुला के सब बस दोस्ती रखना
ऱब मिले या न मिले यहाँ
बस खुदा से 'शाद' बंदगी रखना
V G 'SHAAD'
रकीब : दुश्मन, परवाज़ : उड़ान
4 comments:
अगर आ जाये रक़ीब सामने
भुला के सब बस दोस्ती रखना .very nice.
thanks nisha
@चमक-दमक खींचेगी हर ओर
मगर बचा कर चाँदनी रखना
वाह वाह, बैकअप रखना जरुरी है। :)
thanks lalitji
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